हमारी अर्थव्यवस्था एक नजर में
- The Agnostic
- Nov 2, 2021
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आज मतलब 2021 वीं शादी में जहाँ सब कुछ बहुत तेजी से बदलता जा रहा है लेकिन इस बहुत बड़े बदलाव का सीधा असर क्या हुआ हमारी देश की आर्थिक व्यवस्था पर कुछ समययदि हम बात करे हमारी पूर्व अर्थव्यवस्था 1700 ईसवी जब भारत विश्व की संपूर्ण आएगी 24.4% के बराबर थी जो विश्व में सर्वाधिक थी 2014 तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अप्रैल 2014 में जारी वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव् यवस् था पर्चेसिंग पावर पैरिटी के लिहाज से जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन गई है लेकिन इनमे कई घोटाले भी सामने आए थे पुनः आते हैं 2020 21 पर अर्थात जब संपूर्ण विश्व
कोरोना महामारी से जूझ रहा था और इसी दौरान हमारी अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का क्या प्रभाव पड़ा?
CMIE:=(Central For Monitoring Indian Economy)कि रिपोर्ट यदि सीएमआईई की रिपोर्ट देखें तो 20 अप्रैल तक 15,00,00,000 लोगों की नौकरी जा चुकी है
CII( Confodration Of Indian Industryअंकित कि रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में अनुमानित 15 मई तक 30,00,00,000 लोगों की नौकरी पर प्रश्न मैं लग चुका होगा क्या आप जानते हैं अनुमानित आंकड़ों के अनुसार हमारे देश की कुल जनसंख्या 137,00,00,000 से भी ज्यादा है जिनमें 16 साल से ज्यादा 100,00,00,000 नागरिक हैं अर्थात यदि मान लें कि इनमें से 30,00,00,000 लोगों की नौकरी चली गई तो 30% देश दो बेरोजगारी की चपेट में अंकित आ ही गया, अंकित तो सोचिए ज़रा क्या हालात होंगे हमारे देश के और हम सब के भी।
फिच रेटिंग्स की रिसर्च के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के 5% सिकुड़ने का अनुमान जताया गया है कोविड* 19 महामारी ने देश की वृद्धि परिदृश्य को कमजोर किया हैं इसकी वजह से उत्पन्न सबसे बड़ी चुनौती है सरकार पर भारी कर्ज के चलते उत्पन्न चुनौतियां। हाल ही में देश की आर्थिक स्थिती में विश्व बैंक ने साल 2019~20 में भारत की विकास दर को 7.5 फीसदी तक रहने का। अनुमान लगाया है, जैसा कि हमें पता है कि हमारे देश की 70% आबादी कृषि पर ही आधारित है और मूल रूप से हम कृषि प्रधान देश से ख्याति प्राप्त है तो सबसे ज्यादा जरूरी है की यदि हमें हमारी अर्थव्यवस्था में पुनः क्रान्ति चाहिए तो कृषि को ई कॉमर्स से जोड़ना होगा जिससे की हमारे किसान और आम जनता को उचित मूल्य पर सामग्री उपलब्ध हो और हम पुनः हमारी अर्थव्यवस्था को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचा सकें। वित्त मंत्रालय द्वारा 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना होकर पांच 5000 अरब डॉलर यानी 325,00,00,000 तक पहुँच जाएगा! वर्तमान में हमारा देश 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की ओर अग्रसर है। अर्थात स्टार्टअप MSME तथा बुनियादी ढांचा और नई योजनाओं का समन्वयन करके वह निवेश पर ध्यान दिया जाए तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार दोगुनी की जा सकती है आगे आपकी क्या राय है, कृप्या Comment करें।
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