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एक हमेशा नजरंदाज की हुई दास्तान...

हमेशा मुस्कुराती हूं , इसका मतलब ये नहीं , कि घबराती ही नहीं ।

हमेशा गुनगुनाती हूं , इसका भी मतलब ये नहीं , हड़बडाती ही नहीं ।

चंद आसुओं को दिल में , तो चंद को एहसासों में रखकर

मै भी रो लेती हूं , कभी कभी ।

दिखलाती नहीं , इसका मतलब ये नहीं , कि आंसू बहती नहीं ।

ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार खुद के लिए , एहसासों में खोना चाहती हूं ।

और सिर्फ एक बार उसका हाथ पकड़कर अरमान से रोना चाहती हूं ।

_the agnstic

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