The AgnosticJul 6, 20211 min readएक हमेशा नजरंदाज की हुई दास्तान...हमेशा मुस्कुराती हूं , इसका मतलब ये नहीं , कि घबराती ही नहीं । हमेशा गुनगुनाती हूं , इसका भी मतलब ये नहीं , हड़बडाती ही नहीं । चंद आसुओं को दिल में , तो चंद को एहसासों में रखकर मै भी रो लेती हूं , कभी कभी । दिखलाती नहीं , इसका मतलब ये नहीं , कि आंसू बहती नहीं । ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार खुद के लिए , एहसासों में खोना चाहती हूं ।और सिर्फ एक बार उसका हाथ पकड़कर अरमान से रोना चाहती हूं । _the agnstic
हमेशा मुस्कुराती हूं , इसका मतलब ये नहीं , कि घबराती ही नहीं । हमेशा गुनगुनाती हूं , इसका भी मतलब ये नहीं , हड़बडाती ही नहीं । चंद आसुओं को दिल में , तो चंद को एहसासों में रखकर मै भी रो लेती हूं , कभी कभी । दिखलाती नहीं , इसका मतलब ये नहीं , कि आंसू बहती नहीं । ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार खुद के लिए , एहसासों में खोना चाहती हूं ।और सिर्फ एक बार उसका हाथ पकड़कर अरमान से रोना चाहती हूं । _the agnstic